श्रद्धा कपूर की नज़र में प्यार किसी से भी, कही भी, कभी भी हो सकता हैं!
आजकल अभिनेत्री श्रद्धा कपूर अपनी आनेवाली फ़िल्म हाफ गर्लफ्रैंड के प्रचार प्रसार में व्यस्त हैं। लेखक चेतन भगत की उपन्यास हाफ गर्लफ्रैंड पर आधारित यह फ़िल्म मोहित सूरी निर्देशित कर रहे हैं। इस फ़िल्म में श्रद्धा के अलावा अर्जुन कपूर मुख्य भूमिका में हैं।
कुछ समय पूर्व श्रद्धा कपूर और फरहान अख्तर के प्रेम प्रसंग की खबर मीडिया पर छाई हुई थी। जबकि दोनों ने इस बात का खंडन किया था। लेकिन यदि खबरों की माने तो खबर ये थी कि श्रद्धा अपना बोरिया बिस्तर बांधकर फरहान के घर रहने चली गयी थी, किन्तु उनके पिता और आंटी के समझाने के बाद श्रद्धा घर वापिश आई थी। हाल ही में श्रद्धा ने एक साक्षात्कार के दौरान फरहान से प्रेम प्रसंग, प्यार और जिंदगी पर खुलकर बात की।
जब श्रद्धा से उनके फरहान के प्रेम प्रसंग की अफवाह के बारें में पूछा तो उन्होंने कहा कि क्या, अब मैं अपने आप को रोक नही सकती। इसे मैं नज़रंदाज़ करना चाहती हूँ, क्योंकि इसमें कोई सच्चाई नही हैं। मैं अपनी फिल्मों पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहती हूँ। मैं अब इन बकवास कहानियों पर ध्यान नही देना चाहती हूँ, जो कि मेरे बारें में लिखी जाती हैं। कलाकार अपना अच्छा अभिनय प्रदर्शन के लिए बहुत मेहनत करता हैं। पत्रकारों को हमारे बारें में लिखते समय अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए। ये पर प्रसंगो की खबरें सही नही हैं। इससे हमारे परिवार भी प्रभावित होते हैं। किंतु अब मैं इन बातों को नज़रंदाज़ करना सीख गई हूँ।
जब श्रद्धा से किसी से प्रेम संबंध होने का पूछा तो उन्होंने कहा कि मैं अभी अकेली हूँ और अपने काम पर ध्यान देना चाहती हूँ। यदि मेरा बॉयफ्रेंड होता तो मैं विचलित होती, किन्तु ऐसा कुछ नही हैं। वर्तमान में मैं इसकी आवश्यकता नही समझती हूँ। हाँ यह बात सही हैं कि संबंधों के लिए समय निकालना कठिन हो जाता है, किन्तु यह असंभव नही हैं। यदि आप संबंध बनाना} चाहते हैं तो आप इसे अपने काम के साथ भी प्रबंधित कर सकते हैं। मेरी अपनी समझ के हिसाब से प्यार हमेशा विकसित होता रहता हैं। वर्तमान में मेरी प्यार के बारे में समझ यह हैं कि यदि आपकी प्यार होगा तो उसे आप झुठलानही सकते हैं। आप कोई भी हो , इस बारें में कुछ भी नही कर सकते हैं। मैं प्यार को एक आवश्यकता के रूप में देखती हूँ। प्यार हर किसी की जिन्दगी में होना चाहिए। मैं हक़ जताने वाली प्रेमिकाओं में से नही हूँ। मैं उसे पूरी स्वतंत्रता देनी चाहती हूँ। वह जो करना चाहे, करें।
जब उनसे उनके जीवनसाथी के आदर्श गुणों के बारें में पूछा तो उन्होंने बताया कि पहले मैं सोचती थी कि मेरे जीवनसाथी में सेंस ऑफ ह्यूमर अच्छा होना चाहिए, किन्तु अब मैं महसूस करती हूँ कि प्यार किसी से भी, कभी भी, कहीं भी हो सकता हैं। जब यह होगा तो मैं कोई उसके गुणों को देखते नही बैठूँगी। जब आप किसी से जुड़ते हैं तो ये सब बातें मायने नही रखती हैं।
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